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गर्मी के दस्तक से मिट्टी के घड़े व सुराही की मांग बढ़ी।

बलिया (उत्तर प्रदेश)। गर्मी के दस्तक देते ही देसी फ्रीज यानी मिट्टी के घड़े और सुराही की मांग बढ़नी शुरू हो गई है। ऐसे में गर्मी की तपिश से गला तर करने के लिए लोग मिट्टी के घड़े और सुराही आदि की खरीदारी करने लगे हैं। फिलहाल फ्रिज अथवा कूलर की बिक्री में बढ़ोत्तरी हो या न हो, लेकिन मिट्टी से बने इन बर्तनों की विक्री में अच्छी-खासी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। यही वजह है कि इन दिनों जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही नगरीय इलाकों में जगह-जगह मिट्टी के घड़े आदि बिकते नजर आ रहे हैं। गर्मी का मौसम आते ही आम आदमी को गर्मी से निजात पाने के लिए तमाम वस्तु की आवश्यकता महसूस होने लगी है। हालांकि अभी गर्मी इतनी तेज नही पड रही है, फिर भी लोगों ने गर्मी के लिए सभी व्यवस्थाएं बनाना शुरू कर दिया है। गर्मी के दिनों में काफी लोग फ्रिज का पानी पीने की बजाए मटके के पानी से गला तर करना ज्यादा पसंद करते हैं। घड़े में एक तो मिट्टी का सौंधापन होता है, दूसरे उसके पानी की तासीर अलग ही होती है। मटके का पानी गला भी खराब नहीं करता। मटका और सुराही पचास रुपये से दो सौ रुपये की कीमत में बिक रहे हैं। सामान्य और छोटे मटके कम कीमत में तो टोंटी लगे मटकें व सुराही महंगें दामों पर बिक रहे है। वहीं ज्यों ज्यों सूरज की तपिश बढ़ रही है बाजारों में सूती कपड़ों की मांग बढ़ गई है। लोग सूती कपड़ो के लिए बाजार पहुंच रहें हैं।

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